एनएमसी निबंध लेखन प्रतियोगिता में डीएमसी एंड एच के छात्रों ने बाजी मारी
लुधियाना : मुस्कान
डी एम सी एंड एच के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के पीजी और यूजी छात्रों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), दिल्ली द्वारा आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में पुरस्कार जीते हैं। इस प्रतियोगिता का विषय 'परिवार दत्तक ग्रहण कार्यक्रम के बारे में अनुभव' था, जिसमें छात्रों ने परिवारों को विभिन्न चुनौतियों से उबरने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने के अपने जमीनी अनुभव साझा किए।
डॉ. दलजीत कौर, एक पीजी रेजिडेंट, ने निबंध प्रतियोगिता में भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया, जिसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और रसायन और उर्वरक मंत्री श्री जेपी नड्डा द्वारा मान्यता दी गई।
इसके अतिरिक्त, सुश्री अमृता लेघा (यूजी द्वितीय वर्ष), श्रुति शर्मा (यूजी द्वितीय वर्ष), अपेक्षा (यूजी तृतीय वर्ष), डॉ. सुहास बकाया (पीजी रेजिडेंट), और डॉ. सरलीन कौर अरोड़ा (पीजी रेजिडेंट) सहित पांच अन्य छात्रों के निबंध उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए एनएमसी बुक में प्रकाशित किए गए।
डीएमसी एंड एच मैनेजिंग सोसाइटी के सचिव बिपिन गुप्ता ने छात्रों की उल्लेखनीय सफलता के लिए उनकी सराहना की। डीएमसी एंड एच मेडिकल छात्रों का ही नहीं बल्कि ऐसे दयालु व्यक्तियों का भी पोषण कर रहा है जो सामुदायिक सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। परिवार दत्तक ग्रहण कार्यक्रम दर्शाता है कि कैसे चिकित्सा शिक्षा बड़े पैमाने पर समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
प्रिंसिपल डॉ. जी.एस. वांडर ने कहा कि, यह मान्यता मानवता के साथ स्वास्थ्य सेवा को जोड़ने के महत्व को उजागर करती है। हमारे छात्रों ने न केवल चिकित्सा सहायता प्रदान की है, बल्कि इन परिवारों के साथ स्थायी संबंध भी बनाए हैं, जिससे एक स्वस्थ और अधिक सशक्त समुदाय का निर्माण हुआ है।
डॉ. अनुराग चौधरी, प्रोफेसर और सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख ने संस्थान के आउटरीच प्रयासों पर प्रकाश डाला, उन्होंने उल्लेख किया कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र, पोहिर में हमने 15 गाँवों को गोद लिया है जहाँ हमारे छात्र और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ता परिवारों के साथ मिलकर काम करते हैं, उनकी स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को पूरा करते हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली की ओर मार्गदर्शन करते हैं।
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